V.S Awasthi

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होलिका दहन

होलिका दहन
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होलिका दहन करने से पहले नफरत, ईर्ष्या, द्वेष जलाओ।
रंग खेलने से पहले प्रेम भरा एक रंग बनाओ।।
 होली प्रति वर्ष जलाते हैं पर ईर्ष्या, द्वेष जला ना सके।
रंग तो खूब लगाते हैं पर प्रेम का रंग हम बना ना सके।।
प्रेम और सौहार्द का होली सबसे सुन्दर है पर्व।
सभी भारतवासियों को होता है इस पर गर्व।।
ऊंच,नीच का भेद ना रखो सबको गले लगाओ।
जाति, धर्म से दूर रहो होली मिल संग मनाओ।।
होली हमें सिखाती है एक साथ मिल रहना।
सबके संग मिल खेलो होली सबके दिलों में रहना।।
आओ हम सब एक साथ मिल होली का पर्व मनाएं।
नफ़रत, ईर्ष्या, द्वेष भाव सब होली के साथ जलाएं।।

विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

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5 Comments

Gunjan Kamal

08-Apr-2024 11:06 PM

👏🏻👏🏻

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Punam verma

25-Mar-2024 08:59 AM

Very nice👍

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Abhinav ji

25-Mar-2024 08:21 AM

Nice👍

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